Monika garg

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लेखिनी वार्षिक लेखन प्रतियोगिता# दुर्लभ चीज

माने अनमोल चीज।अब आप लोगों को क्या बताऊं मेरे मायने मे अनमोल चीज क्या है मां । हां शायद मां ही वो एक शख्सियत है जो जहां मे दूसरी नही मिल सकती।

मेरे जेहन मे एक बात है जो ये दर्शाती है कि मां जैसी दुर्लभ कोई हो ही नही सकती यही बात कहानी के रुप में यहां प्रस्तुत है।

रीता महज चार साल की थी जब उसे ये पता चला कि उसकी मां की पीठ पर एक रिसोली है और उसको ओप्रेशन से निकालना पड़ेगा नही तो उनकी जान को खतरा है।पांच बहन भाइयों मे सब से छोटी रीता रिसोली को तो क्या जाने बस उसे ये पता था कि मां की पीठ पर फोड़ा है और डाक्टर उसे काटकर निकालेगा।

वह जब भी परेशान होती थी तो अपनी सहेली सुमन के पास जाती थी जब उसे ये पता चला मां का आपरेशन होगा तो वह भाग कर सुमन को बताने गयी क्यों कि सुमन की मम्मी होसपिटल मे नर्स थी ।रीता को ये पता करना था कि ये ओप्रेशन होता क्या है।सुमन भी नादान थी जैसा मां से सुनती थी वैसा ही रीता को बता दिया कि ओप्रेशन मे शरीर काटते है और कभी कभी मरीज़ की जान भी चली जाती है।

इतना पता चलते ही रीता रोने लगी और रोते रोते घर की ओर आ रही थी घर के आंगन में पापा को देख कर उसका रोना और जोर से हो गया पापा ने पूछा ,”रीता!बेटा क्यों रो रहीहै?किसी ने मारा है-क्या?”

वो पापा से सुबकते हुए बोली ,”पापा! मां का ओप्रेशन कब है ?

पिताजी बोले,”कल है बेटा। क्यूं कया बात हो गयी?”

बस पिताजी मां को होसपिटल मत ले जाना वो मर जाएगी।“इतना कह कर रीता की रोते रोते हिचकियां बंध गई।सांस भूलने को हो गयी।

पिताजी का तो वैसे ही मन बैठा जा रहा था उपर से रीता की ये ज़िद की मां को होसपिटल मत ले जाना।अब रीता के पिता का जी धडकने लगा कहते है बच्चों के मुख मे भगवान का वास होता है

पर जी कड़ा करके रीता के पिताजी उसकी मां को मुंह अंधेरे ही ले गये जब रीता सो रही थी ।रीता की आदत थी जरा सी जाग आते ही बिस्तर पर अपनी मां को ढूंढने लगती थी सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसने बिस्तर पर मां को नही पाया तो चीख चीखकर रोने लगी ।

मुझे पता है पिताजी मां को होसपिटल ले गये है अब वो डाक्टर लोग मां को काटेंगे ओर मां मर जाएगी ।“ नन्ही सी जान की हिचकियां बंद ही नही हो रही थी। पागलों की तरह रो रही थी नन्ही रीता सभी बड़े बहन भाइयों ने खूब समझाया कि मां अभी आ जाएंगी पर नही उसके मन मे तो यही डर बैठा हुआ था कि मां को वो लोग(डाक्टर) काटेंगे और मां मर जाएगी।ना खाना ना पीना सारा दिन रीता ने रोते रोते गुजार दिया। आखिर थक हार कर रीता  शाम को  सो गयी पिताजी घर आये और बताया कि ओप्रेशन कामयाब रहा रीता की मां अभी आइसीयू मे  है ।जब रीता की हालत देखी तो दौड़ते हुए उसे सीने से लगाया और तुरंत उसे लेकर हस्पताल आ गये आईसीयू मे बच्चों को जाने की इजाजत नहीं है पर फिर भी डाक्टर को ये कह कर इजाजत ले ली की अगर इसे इसकी मां से नही मिलाया तो ये मर जाएगी।

रीता पिताजी की गोद मे कुनमुना रही थी कि तभी रीता को गोद मे लेकर उसके पिताजी मां के पलंग के पास खडे थे

रीता कि मां को उसी समय होश आया था मुंह पर कपड़ा पड़ा था पिता जी बोले ,”देखो! रीता तुम्हारी मां।“

मां को सही सलामत देखकर रीता की जान मे जान आयी। मां को देख कर रीता अश्रुपूरित नेत्रों से हंसते हुए बोली,”मेरी प्यारी मां तुम ठीक हो मुझे कभी छोड़कर मत जाना

मेरे अनुसार रीता को उसका दुर्लभ खजाना मिल गया था।

 

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8 Comments

Kavita Jha

28-Mar-2022 10:50 AM

बहुत ही भावुक करती प्यारी सी कहानी 👌👌

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Monika garg

28-Mar-2022 12:49 PM

धन्यवाद

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Gunjan Kamal

09-Mar-2022 02:34 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Monika garg

09-Mar-2022 05:28 PM

धन्यवाद

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Seema Priyadarshini sahay

17-Feb-2022 05:10 PM

बहुत खूबसूरत

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Monika garg

17-Feb-2022 08:44 PM

धन्यवाद जी

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